अगर आज मानेगा हार तो कल क्या खायेगा।। अगर आज मानेगा हार तो कल क्या खायेगा।।
मुक्तक...। मुक्तक...।
ग़ज़ल ग़ज़ल
मेरा मन टटोल रहा है सुनो नववर्ष कुछ बोल रहा है। मेरा मन टटोल रहा है सुनो नववर्ष कुछ बोल रहा है।
एक ग़ज़ल...। एक ग़ज़ल...।
आज सुर गा न सकेंगे संगीत...। आज सुर गा न सकेंगे संगीत...।